About Sebi in Hindi: शेयर मार्किट दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है एवं आपमें से कई पाठक ऐसे भी होंगे जिन्होंने शेयर मार्किट में अपनी पूंजी लगाई होगी। यदि आप शेयर मार्किट के बारे में जानते हैं तो आपने सेबी का नाम अवश्य ही सुना होगा। सेबी एक ऐसा नाम है जो अधिकतर लोगों के लिए नया होता है एवं वह जानना चाहते हैं कि आखिर सेबी होता क्या है? यदि आप भी सेबी से परिचित नहीं हैं तो आज के लेख में हम आपको सेबी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
सेबी क्या होता है | What is Sebi in Hindi
सेबी को Securities And Exchange Board Of India कहा जाता है इसे हिंदी में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है। सेबी भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है जो Securties Market यानि प्रतिभूति बाजार रेगुलेटर की तरह कार्य करता है।
आसान शब्दों में कहा जाए तो जिस प्रकार से बैंक आपकी पूंजी को सुरक्षित रखने का दायित्व लेता है उसी प्रकार सेबी भी शेयर बाजार में होने वाली धोखाधड़ी को नियंत्रित करने वाली एक संस्था है। अतः सेबी एक वैधानिक संस्था है जो भारतीय पूँजी बाजार के कार्यों को सुचारु करने एवं भारत में शेयर मार्किट और इससे सम्बंधित चीजों पर नियंत्रण रखती है।
सेबी का गठन कब हुआ | When was SEBI formed?
दोस्तों सन 1988 में सेबी को स्थापित किया गया था। शुरू में सेबी एक गैर-सांविधिक निकाय थी लेकिन जब शेयर मार्किट की ओर आम लोगों का रुझान बड़ा एवं आम लोगों द्वारा इसमें अधिक पूंजी लगाई जा रही थी तो बाजार में होने वाली धोखाधड़ी से इन्वेस्टर को सुरक्षित रखने के लिए भारत सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और सेबी अधिनियम 1992 के तहत सेबी को वैधानिक मान्यता प्रदान की गई। सेबी का हेडक्वाटर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है जबकि इसके रीजनल ऑफिस नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, और अहमदाबाद में है।
सेबी की संगठनात्मक संरचना | Organizational Structure of SEBI
यदि आप जानना चाहते हैं कि सेबी की संगठनात्मक संरचना क्या है तो बता दें कि सेबी की समिति कुल नौ सदस्यों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें से एक सदस्य भारत सरकार द्वार नियुक्त किया जाता है जो सेबी का चैयरमेन होता है। सेबी के दो सदस्य केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी होते हैं एवं एक सदस्य रिजर्व बैंक से होता है। जबकि पांच सदस्यों को भारत सरकार की यूनियन द्वारा नियुक्त किया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक सेबी के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष एवं 65 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक रहता है। लेकिन वर्तमान समय में सेबी के अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष का हो गया है।
सेबी के सदस्यों को किस समय निष्काषित किया जा सकता है:
- सेबी का सदस्य दिवालिया हो गया हो।
- किसी नैतिक अपराध में शामिल पाया गया हो या नैतिक अपराध में दोषी ठहराया गया हो।
- प्रदान की गई शक्तियों का दुरूपयोग करने पर।
सेबी के कार्य | Works of Sebi in Hindi
भारत सरकार के अधीन सेबी एक ऐसी संस्था है जो शेयर मार्किट को प्रभावित करती है अर्थात सेबी के नियमानुसार ही शेयर मार्किट को नियंत्रित किया जाता है। यदि आप सेबी के बारे में थोड़ा बहुत जानते हैं लेकिन इसके कार्यों से वाकिफ नहीं हैं तो हम आपको बता दें कि सेबी का काम मुख्य रूप से सुरक्षात्मक कार्य, विनियामक कार्य और विकास कार्यों से सम्बंधित होता है।
सेबी के सुरक्षात्मक कार्य:
1. सेवी का प्रमुख्य कार्य शेयर मार्किट में निवेश करने वाले निवशकों के हितों की रक्षा करना होता है।
2. कीमत के उतार चढ़ाव या हेराफेरी की जांच करना।
सेबी के विनियामक कार्य
1. सब ब्रोकर्स, स्टॉक ब्रॉकस, शेयर्स ट्रांसफर एजेंट, ट्रस्टीज, पोर्टफिलियो मैनेजर के कार्यों को पंजीकृत करना एवं नियमन करना।
2. म्युचुअल फंड की सामूहिक निवेश योजनाओं नियमन करना एवं पंजीकृत करना।
3. सेबी के नियमों के अंतर्गत फीस की वसूली करना।
सेबी के विकास कार्य
1. सेबी के नियमानुसार पूंजी बाजार का संचालन करना व विस्तार करना।
2. सेबी के नियमानुसार निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना।
3. प्रतिभूति बाजार में कार्यरत लोगों को धोखेबाजी या जालसाजी को नियंत्रित करने के लिए ट्रेनिंग देना।
4. विकास कार्यों के अंतर्गत स्व-विनियमन संगठनों का मनोबल बढ़ाना या प्रोत्साहित करना।
सेबी की शक्तियां | Powers of Sebi in Hindi
किसी भी कार्य को नियंत्रित करने के लिए कार्यों से संबधित किसी भी संस्था को कुछ शक्तियां प्रदान की जाती हैं। अतः सेबी भी एक ऐसी संस्था है जिसको कुछ अधिकार प्रदान किए गए हैं। यदि आप सेबी की शक्तियों से परिचित नहीं हैं तो अब हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
1. सेबी के पास के देश की किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से कंपनियों को लिस्टेड या डीलिस्टेड करने की शक्ति होती है।
2. स्टॉक एक्सचेंजों के कोई भी रिकॉर्ड और खातों की पुस्तकें प्राप्त करने की शक्तियां सेबी के पास हैं।
3. यदि स्टॉक एक्सचेंजों में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो सेबी सुनवाई करने के अतरिक्त निर्णय भी सुना सकती है।
4. यह स्टॉक एक्सचेंजों के कार्यों की किसी भी समय जाँच कर सकती है।
5. यदि सेबी की जांच द्वारा किसी कंपनी को अनैतिक काम करते हुए पकड़ा जाता है तो सेबी सम्बंधित कंपनी को दंड देने के अतरिक्त निष्काषित करने की घोषणा भी कर सकती है।
6. सेबी के पास दलालों, बिचौलियों आदि के पंजीकरण को विनियमित करने की शक्ति है।
सेबी के उद्देश्य | Objectives of Sebi in Hindi
दोस्तों हम सभी बखूबी जानते हैं कि किसी भी संस्था का गठन करने के पीछे उसका कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है। अतः सेबी का गठन करने के पीछे भी भारत सरकार के कई उद्देश्य हैं। यदि आप सेबी के उद्देश्य नहीं जानते हैं तो अब हम आपको सेबी के उद्देश्यों से अवगत कराने वाले हैं।
1. सेबी का प्रमुख्य उद्देश्य इन्वेस्टर्स अर्थात निवेशक को संरक्षण प्रदान करना है।
2. दलालों, उप-दलालों, आदि वित्तीय मध्यस्थों की गतिविधियों की समय पर जाँच करके उन पर निगरानी रखना।
3. शेयर मार्किट में कई बार दुर्भावनाओं को होते हुए देखा जाता था। अतः दुर्भावनाओं को रोकने के उद्देश्य से सेबी का गठन किया गया।
4. सेबी के गठन का उद्देश्य प्रतिभूति बाजार के विकास को बढ़ावा देना था।
5. सेबी का उद्देश्य प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना था।
6. प्रतिभूति बाजारों में व्यवसाय का विनियमन करना सेबी का ही एक उद्देश्य था।
तो दोस्तों ये थी सेबी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी। हम आशा करते हैं की आप Sebi in Hindi से भलीभांति परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें और हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें ताकि आपको ऐसी ही जानकारी मिलती रहे।
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